आपराधिक मामले में सबूत के तौर पर अब मेमोरी कार्ड या एसडी कार्ड को भी पेश किया जा सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने एक मामले की सुनवाई के दौरान कहा कि मेमोरी कार्ड सबूत के तौर पर मान्य होगा। केरल उच्च न्यायालय ने यौन उत्पीड़न के आरोपी दिलीप की उस याचिका को खारिज कर दिया था जिसमें दिलीप ने मेमोरी कार्ड की मांग की थी।
कोर्ट ने कहा था कि मेमोरी कार्ड को दस्तावेज के रूप में पेश नहीं किया जा सकता है। वहीं अब केरल हाईकोर्ट के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस एएम खानविलकर और दिनेश माहेश्वरी की बेंच ने कहा कि यदि आपराधिक मामले में अभियोग मेमोरी कार्ड/पेन ड्राइव की सामग्रियों पर निर्भर है तो आरोपी को उसकी कॉपी दी जानी चाहिए।
इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अदालत सुनवाई के दौरान प्रभावी बचाव के लिए केवल आरोपी, उसके वकील या विशेषज्ञ को ही सामग्री के तौर पर मेमोरी कार्ड मुहैया कराया जा सकता है।
बता दें कि साल 2017 में कोच्चि में चलती कार में केरल की एक अभिनेत्री का यौन उत्पीड़न किया गया था। इस घटना का वीडियो एक फोन के मेमोरी कार्ड में रिकॉर्ड किया गया था। इस मामले के आरोपी दिलीप को गिरफ्तार कर लिया गया था।