दक्षिणी सियाचिन ग्लेशियर में लगभग 18,000 फीट की ऊंचाई पर स्थित सेना का गश्ती दल आज यानी कि शनिवार सुबह तड़के हिमस्खलन की चपेट में आ गया। इस हिमस्खलन में सेना के दो जवान शहीद हो गए हैं। रेस्क्यू टीम ने गश्ती दल का पता लगाने और उसे निकालने का काम किया और इस दौरान हेलिकॉप्टर की मदद ली गई। 18 हजार फुट की ऊंचाई पर जिस वक्त हिमस्खलन हुआ जवान दक्षिणी ग्लेशियर में थे। शहीद जवानों की पहचान लेह के गियाल्शन और नोर्गैस के तौर पर हुई है।
इससे पहले 18 नवंबर को सियाचिन ग्लेशियर में सोमवार को आए हिमस्खलन की चपेट में आकर चार जवान शहीद हो गए थे जबकि दो पोर्टरों की भी मौत हो गई थी। बता दें कि सियाचिन ग्लेशियर दुनिया का सबसे ऊंचा युद्ध क्षेत्र है। सियाचिन ग्लेशियर में आए इस हिमस्खलन में सेना की पेट्रोलिंग पार्टी के आठ जवान और पोर्टर लापता हो गए थे।
हिमस्खलन की बड़ी घटनाएं
- 18 नवंबर, 2019 उत्तरी सियाचिन ग्लेशियर में चार जवान शहीद, दो पोर्टरों की भी मौत
- 10 नवंबर, 2019: कुपवाड़ा में हिमस्खलन की चपेट में आकर दो सैन्य पोर्टरों की मौत
- 31 मार्च, 2019: कुपवाड़ा में हिमस्खलन में दबकर मथुरा के हवलदार सत्यवीर सिंह शहीद
- 3 मार्च, 2019 : कारगिल के बटालिक सेक्टर में हिमस्खलन में पंजाब के नायक कुलदीप सिंह शहीद
- 8 फरवरी, 2019: जवाहर टनल पोस्ट के पास हिमस्खलर्न, 10 पुलिसकर्मी लापता, आठ बचाए गए
- 3 फरवरी, 2016: हिमस्खलन की चपेट में 10 जवान शहीद, बर्फ में दबे लायंस नायक हनुमनथप्पा को छह दिन बाद निकाला गया लेकिन 11 फरवरी को उन्होंने दम तोड़ दिया
- 16 मार्च, 2012: सियाचिन में बर्फ में दबकर छह जवान हुए शहीद