बीमा बाजार में ऐसी खास पॉलिसी आ सकती हैं, जिनमें आपको रोजाना प्रीमियम जमा करने की सुविधा मिलेगी। बीमा नियामक इरडा की एक समिति ने कम आय वाले समूहों में बीमा को प्रोत्साहन देने के लिए इस सुविधा के साथ नई पॉलिसी पेश किए जाने का प्रस्ताव किया है।
‘सूक्ष्म बीमा’ पर बनी समिति ने यह भी कहा कि उत्पादों से जुड़े लाभों को सरल बनाए जाने की जरूरत है, जिससे ग्राहक उन्हें आसानी से समझ सकें। समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा, इनकी शर्तों में ग्राहकों को स्पष्ट रूप से समझाया जाना चाहिए कि उन्हें क्या देना पड़ेगा और क्या मिलेगा। सूक्ष्म बीमा का उद्देश्य विशेष रूप से निम्न आय वर्ग के लोगों को सुरक्षा देना है और इन सस्ते उत्पादों से उन्हें वित्तीय नुकसान से उबरने में मदद मिलती है।
समिति ने बच्चों की शिक्षा या उच्च शिक्षा जैसे ‘लक्ष्य आधारित बचत उत्पाद’ पेश किए जाने की भी वकालत की। कीमत के मामले में समिति ने कहा कि जरूरी कोष में कमी आने से बेहतर मूल्य निर्धारण में मदद मिल सकती है और बीमा के प्रति प्रोत्साहन देने में ऐसे उत्पादों के असर के आकलन में भी मदद मिल सकती है। सूक्ष्म बीमा योजनाएं विशेषकर जीवन बीमा पॉलिसी पर स्टैम्प शुल्क में छूट दिए जाने की भी जरूरत है। समिति ने कहा, ‘रोजाना/पखवाड़ा/मासिक/तिमाही किस्त में प्रीमियम देने की अनुमति दी जानी चाहिए।’
इसमें कहा गया, वैकल्पिक तौर पर ग्राहकों को एकमुश्त प्रीमियम भुगतान की सुविधा मिलनी चाहिए, जिसमें बाकी प्रीमयिम किस्तों में देने की अनुमति मिलनी चाहिए। सुरेश माथुर की अध्यक्षता वाली समिति ने यह भी कहा कि लागत घटाने और दावा निस्तारण को आसान बनाने के लिए ई-केवाईसी प्रक्रिया की जरूरत है। सूक्ष्म बीमा कारोबार के लिए डिजिटल हस्ताक्षर को भी बढ़ावा दिया जाना चाहिए।
भारत में लगभग 29.5 फीसदी आबादी गरीबी रेखा से नीचे रहती है। इन 36 करोड़ लोगों में से 10.2 करोड़ लोग शहरी क्षेत्रों में रहते हैं, जबकि 25.8 करोड़ ग्रामीण इलाकों में रहते हैं।
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