पाकिस्तानी मूल के गायक को पद्मश्री पुरस्कार दिए जाने की घोषणा के बाद से इसका विरोध हो रहा है। इस विवाद पर अदनान ने बृहस्पतिवार को कहा कि कुछ नेता राजनीतिक लाभ के लिए बेवजह मेरा नाम विवादों में घसीट रहे हैं। मेरे पिता का मेरे पद्मश्री से कोई लेना देना नहीं है। यह गैर जरूरी विवाद है। अदनान को 2016 में भारत की नागरिकता दी गई थी।
अदनान ने कहा, ‘विभिन्न राजनीतिक दलों के लोगों से उनके अच्छे संबंध हैं। मुझे पद्मश्री दिए जाने की आलोचना करने वाले कुछ राजनेता हैं। वे किसी राजनीतिक एजेंडे के तहत ऐसा कर रहे हैं और इसका मुझसे कोई लेना-देना नहीं है। मैं नेता नहीं हूं, मैं तो संगीतकार हूं। मेरे पिता का मेरे पद्मश्री से क्या लेना देना है। मेरे पिता पुरस्कृत लड़ाकू पायलट और एक पेशेवर सैनिक थे। उन्होंने अपने देश के प्रति अपना फर्ज निभाया। उसके लिए मैं उनका सम्मान करता हूं।'
अदनान ने आगे कहा, 'वह उनका जीवन था और उसके लिए उन्हें पुरस्कृत किया गया। मैंने उससे लाभ नहीं उठाया और न ही उसका श्रेय लिया। ठीक इसी प्रकार से मैं जो करता हूं, उसका श्रेय उन्हें नहीं दिया जा सकता। मेरे पुरस्कार का मेरे पिता से क्या लेना-देना? यह गैरजरूरी है।’ अदनान के पिता पाकिस्तानी वायुसेना में पायलट थे और इसलिए उन्हें पद्मश्री पुरस्कार देने की घोषणा का विरोध हो रहा है।'
अदनान को पद्मश्री देने की घोषणा के बाद विपक्षी दल लगातार सरकार पर सवाल उठा रहे हैं। बीते दिनों बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा था, 'पाकिस्तानी मूल के गायक अदनान सामी को जब बीजेपी सरकार नागरिकता व पद्मश्री से भी सम्मानित कर सकती है तो फिर जुल्म-ज्यादती के शिकार पाकिस्तानी मुसलमानों को वहाँ के हिन्दू, सिख, ईसाई आदि की तरह यहाँ CAA के तहत पनाह क्यों नहीं दे सकती है? अतः केन्द्र CAA पर पुनर्विचार करे तो बेहतर होगा।'
वहीं कांग्रेस प्रवक्ता जयवीर शेरगिल ने ट्वीट कर लिखा था कि करगिल युद्ध में शामिल हुए सैनिक मोहम्मद सनाउल्लाह को ‘घुसपैठिया’ घोषित कर दिया गया, जबकि सामी को पद्म सम्मान दिया जा रहा है जिसके पिता ने पाकिस्तानी वायुसेना में रहकर भारत के खिलाफ गोलाबारी की थी?
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