संसद के बजट सत्र से पहले एकजुट विपक्ष ने सरकार की ओर से बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में नागरिकता संशोधन विधेयक, अर्थव्यवस्था, बेरोजगारी, कश्मीर की स्थिति, महंगाई, किसानों की समस्याओं जैसे मुद्दे पर चर्चा कराने की मांग की है। इस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि सरकार विपक्ष की राय सुनने और हर मुद्दे पर चर्चा करने के लिए तैयार हैं। संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने बताया, ‘प्रधानमंत्री ने कहा कि अर्थव्यवस्था सहित सभी मुद्दों पर सार्थक और समृद्ध चर्चा होनी चाहिए। अर्थव्यवस्था को वैश्विक संदर्भ में देखें कि भारत इसका फायदा कैसे उठा सकता है।’
उन्होंने बताया कि 'प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार विपक्ष की राय सुनने और हर मुद्दे पर चर्चा करने के लिए तैयार है'। बैठक के बाद राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने संवाददाताओं से कहा, ‘सीएए के खिलाफ प्रदर्शनों पर सरकार का रुख उसका अहंकार दिखाता है, उसने प्रदर्शनकारियों से संपर्क करने की कोई कोशिश नहीं की।’उन्होंने कहा कि पिछले करीब सवा महीने से देश की आधी आबादी सड़कों पर है। उन्होंने कहा ‘महिलाएं, बच्चे, बुजुर्ग इस ठंड में सड़कों पर हैं, आंदोलन कर रहे हैं लेकिन सरकार को कोई परवाह नहीं है कि कोई जिए या मरे।’
आजाद ने कहा कि विपक्षी दलों ने जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला की तत्काल रिहाई की मांग की। उन्होंने कहा कि सरकार का ध्यान सिर्फ विधेयक पारित कराने पर है, विपक्ष भी देशहित में विधेयक पारित करने में सहयोग करेगा लेकिन कई ऐसे मुद्दे हैं जिन पर चर्चा होनी चाहिए । सीएए को लेकर विपक्षी दलों की टिप्पणी के बारे में पूछे जाने पर संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने संवाददाताओं से कहा ‘विपक्ष को आत्मावलोकन करना चाहिए क्योंकि सीएए लोकतांत्रिक तरीके से संसद में पारित हुआ है ।’
कांग्रेस नेता आजाद ने कहा ‘देश की आर्थिक स्थिति खराब है, बेकारी और बेरोजगारी है। कश्मीर में तीन..तीन पूर्व मुख्यमंत्रियों को बंद कर रखा गया है। राजनीतिक बंदियों को रिहा किया जाए ताकि राजनीतिक प्रक्रिया शुरू की जा सके। हम इन सभी मुद्दों पर चर्चा चाहते हैं। विपक्ष चाहेगा कि सरकार इन मुद्दों पर संवेदनशील हो, इन पर सदन में चर्चा हो और इनका समाधान निकले।’ कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने बताया कि सरकार के कुछ मंत्रियों और बीजेपी के कुछ सांसदों द्वारा अभद्र शब्दों के इस्तेमाल के मुद्दे को भी उठाया गया। यह पूछे जाने पर कि प्रधानमंत्री ने विपक्ष की ओर से उठाए गए मुद्दों पर क्या प्रतिक्रिया दी, शर्मा ने कहा कि उन्होंने (प्रधानमंत्री) ये बातें ध्यान से सुनीं। द्रमुक और वाम दलों ने भी कहा कि बैठक में सीएए, फारूक अब्दुल्ला की रिहाई के मुद्दे को उठाया गया। द्रमुक के टी आर बालू ने कहा कि हमने नैशनल कॉन्फ्रेंस नेता फारूक अब्दुल्ला को तत्काल रिहा करने की मांग उठाई।
इसके अलावा तमिलनाडु में पेट्रोलियम ब्लॉक का मुद्दा भी उठाया। संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने बताया कि सरकार ने बजट सत्र के दौरान 45 विधेयक पेश करने के लिये चिह्नित किए हैं। इनमें से सात वित्तीय विषय से जुड़े हैं और दो अध्यादेश से जुड़े हैं। उन्होंने बताया कि बजट सत्र में कुल 39 बैठकें होगी और हम सभी मुद्दों पर चर्चा करने को तैयार हैं। संसद का बजट सत्र 31 जनवरी से शुरू होगा और उस दिन संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद संबोधित करेंगे। बजट सत्र का पहला चरण 11 फरवरी तक चलेगा। इसके बाद एक अंतराल के बाद इसका दूसरा हिस्सा 2 मार्च से शुरू होकर 3 अप्रैल तक चलेगा।
सरकार की ओर से गुरुवार को बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद, आनंद शर्मा, अधीर रंजन चौधरी, तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओब्रायन, समाजवादी पार्टी के रामगोपाल यादव, द्रमुक के टी आर बालू, राजद के मनोज झा, एनसीपी की सुप्रिया सुले, बीएसपी के रितेश पांडे, बीजू जनता दल के प्रसन्न आचार्य आदि शामिल हुए। बैठक में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी, केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान, आरपीआई के रामदास अठावले, लोजपा के चिराग पासवान आदि मौजूद थे।
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