जो सॉफ्टवेयर आपके कंप्यूटर में इसलिए होता है कि आपको वायरस से बचा सके, लेकिन अगर वही सॉफ्टवेयर आपका डेटा बेच रहा है तो ये गंभीर बात होगी. ऐसी ही एक रिपोर्ट आ रही है. इस रिपोर्ट के मुताबिक एंटी वायरस फर्म Avast ने दुनिया भर के लाखों यूजर्स का डेटा बेच दिया है.
Avast फ्री वर्जन एंटी वायरस सॉफ्टवेयर के लिए पॉपुलर है और लाखों लोग इस सॉफ्टवेयर को यूज करते हैं. कंपनी पर अब यूजर्स के संवेदनशील डेटा बेचने का आरोप लग रहा है. लेकिन कंपनी इसके पीछे पॉलिसी का हवाला दे रही है.
हालांकि Avast ने डायरेक्ट ऐसा नहीं किया है, बल्कि इसकी एक सबसिडरी कंपनी है, इसके जरिए डेटा बेचने की खबर आ रही है.
Avast की एक सबसिडरी कंपनी Jumpshot है और इसके जरिए यूजर्स का संवेदनशील डेटा बेचा गया है. इनमें यूजर्स की ब्राउजिंग हिस्ट्री भी शामिल है.
बताया जा रहा है कि ये सॉफ्टवेयर यूजर्स के क्लिक को भी ट्रैक करता है और गूगल सर्च, गूगल मैप्स ऐक्टिविटी भी ट्रैक करता है और इसका डेटा कलेक्ट करता है.
इतना ही नहीं लिंक्ड इन पेज, यूट्यूब वीडियोज और पॉर्न वेबसाइट्स का भी डेटा कलेक्ट करता है. मदरबोर्ड और पीसीमैग ने एक इनवेस्टिगेशन पब्लिश की है जिससे ये तमाम बातें सामने आ रही हैं. हालांकि कंपनी ने डेटा की बिक्री से साफ इनकार कर दिया है.
एक स्टेटमेंट में Avast के एक प्रवक्ता ने कहा है कि Jumpshot पर्सनल आइडेंटिफिकेशन इनफॉर्मशन, नेम, ईमेल अड्रेस और कॉन्टैक्ट डीटेल्स नहीं लेता है. यूजर्स के पास हमेशा ये ऑप्शन होता है कि वो Jumpshot से डेटा शेयरिंग को ऑफ कर सकते हैं.
यानी कंपनी अब ये कह कर पल्ला झाड़ रही है कि ये यूजर के इच्छा से हुआ है. ठीक इसी तरह कैंब्रिज अनालिटिका डेटा स्कैंडल के शुरुआती दौर में फेसबुक ने यही कह कर अपना पल्ला झाड़ रही थी कि यूजर कन्सेंट से ही ऐसा हुआ है.
रिपोर्ट के मुकाबिक पॉप अप मैसेज के जरिए Avast ने यूजर्स से डेटा कलेक्शन का कन्सेंट मांगा था, लेकिन मदरबोर्ड की रिपोर्ट में कहा गया है कि कई यूजर्स ने कहा है कि उन्हें ये पता नहीं था कि कंपनी उनका ब्राउजिंग डेटा बेच देगी.
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