सप्ताह के आखिरी कारोबारी दिन यानी शुक्रवार को वित्त वर्ष 2019-20 की तीसरी तिमाही (सितंबर-दिसंबर) के जीडीपी आंकड़े जारी किए गए. राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) की ओर से जारी किए गए ताजा आंकड़ों के मुताबिक दिसंबर तिमाही में देश की जीडीपी ग्रोथ रेट 4.7 फीसदी रही है. ये आंकड़े बताते हैं कि देश की आर्थिक सुस्ती अभी दूर नहीं हुई है. इस बीच, रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने सरकार को फटकार लगाई है.
प्रमुख क्षेत्रों पर ध्यान देकर आ सकती है रफ्तार
रघुराम राजन ने कहा कि मौजूदा सरकार अर्थव्यवस्था पर ध्यान देने की बजाए अपने राजनीतिक और सामाजिक एजेंडे को पूरा करने पर अधिक जोर दे रही है. उन्होंने कहा कि भारत प्रमुख क्षेत्रों पर ध्यान देकर सुस्त पड़ती जीडीपी ग्रोथ को पटरी पर ला सकता है. यह पूछे जाने पर कि भारत की जीडीपी ग्रोथ को कौन सी चीज रोक रही है, रघुराम राजन ने कहा, ‘‘यह दु:खद कहानी है. मुझे लगता है कि यह राजनीति है.’’
राजन ने कहा कि दुर्भाग्य से मौजूदा सरकार ने पिछले साल आम चुनाव में भारी जीत के बाद जीडीपी ग्रोथ पर ध्यान देने के बजाए अपने राजनीतिक और सामाजिक एजेंडे को पूरा करने पर अधिक जोर दिया है. राजन ने कहा, ‘‘दुर्भाग्य से इस प्रवृत्ति के कारण ग्रोथ की गति धीमी हुई है. इसका कारण सरकार द्वारा शुरू में उठाए गए कुछ कदम भी हैं, जिसमें नोटबंदी और खराब तरीके से लागू माल एवं सेवा कर (जीएसटी) का सुधार शामिल हैं.’’
राजन ने कहा कि भारत ने वित्तीय क्षेत्र की समस्या को दूर करने के लिये पर्याप्त कदम नहीं उठाए और दुर्भाग्य से इसके कारण ग्रोथ में नरमी आ रही है. बता दें कि भारत की जीडीपी ग्रोथ रेट चालू वित्त वर्ष की अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में 4.7 फीसदी रही जो करीब सात साल का न्यूनतम स्तर है. जीडीपी ग्रोथ रेट का यह आंकड़ा 2012-13 की जनवरी-मार्च तिमाही के बाद सबसे कम है
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