सीरिया के इदलिब में रूस के हवाई हमलों से तीन दिन पूर्व शुरू हुआ युद्ध अब भड़क चुका है। ताजा हवाई हमले में तुर्की के 33 सैनिक मारे गए हैं, जिसके बाद तुर्की ने जवाबी कार्रवाई की तैयारी शुरू कर दी है। ताजा हमलों का आरोप सीरिया की बशर अल-असद सरकार पर लगा है। इससे क्षेत्र में एक और शरणार्थी संकट की आशंका को देखते हुए संयुक्त राष्ट्र ने तत्काल युद्धविराम की अपील की है।
बता दें कि सीरिया की सेना को रूस का सीधा समर्थन हासिल है और दोनों मिलकर इदलिब में तुर्की का समर्थन प्राप्त विद्रोहियों पर हमले कर रहे हैं। इन विद्रोहियों के कब्जे में इदलिब प्रांत का एक बड़ा हिस्सा है। आशंका है कि हवाई हमलों में मृतकों की संख्या अभी और बढ़ सकती है।
मौजूदा हवाई हमलों के तुरंत बाद तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगॉन ने अंकारा में तत्काल शीर्ष स्तरीय बैठक बुलाकर जवाबी कार्रवाई की योजना बनाई है। इस बीच तुर्की सेना ने सीरिया के सरकारी ठिकानों पर हमले शुरू कर दिए हैं।
हाल ही में तुर्की द्वारा इदलिब में भेजे गए हजारों सैनिकों के बीच उस पर यह पहला बड़ा हमला है। तुर्की ने चेताया है कि सीरिया उसके ठिकानों से अपनी सेना को पीछे बुलाए अन्यथा जवाबी कार्रवाई को तैयार रहे। इस बीच संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरस ने चिंता जताई कि क्षेत्र में खतरा और बढ़ सकता है।
कई सैनिक गंभीर, बढ़ सकती है मृतक संख्या
इदलिब के उत्तर-पश्चिम में यह हमला ऐसे समय पर हुआ है जब बागी समर्थक अंकारा और दमिश्क के सहयोगी मॉस्को के बीच तनाव बढ़ गया है। सीरिया के सीमावर्ती तुर्किश प्रांत हाते के गवर्नर रहमी दोगन ने भी कहा कि हमलों में दर्जनों सैनिक घायल हुए हैं जिनमें से कई गंभीर हैं। इसलिए मृतकों का आंकड़ा बढ़ सकता है। तुर्की ने इदलिब में उसकी चौकियों से सैनिकों को हटाने का सीरिया सरकार से आग्रह किया है।
बता दें कि सीरिया की सेना को रूस का सीधा समर्थन हासिल है और दोनों मिलकर इदलिब में तुर्की का समर्थन प्राप्त विद्रोहियों पर हमले कर रहे हैं। इन विद्रोहियों के कब्जे में इदलिब प्रांत का एक बड़ा हिस्सा है। आशंका है कि हवाई हमलों में मृतकों की संख्या अभी और बढ़ सकती है।
मौजूदा हवाई हमलों के तुरंत बाद तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगॉन ने अंकारा में तत्काल शीर्ष स्तरीय बैठक बुलाकर जवाबी कार्रवाई की योजना बनाई है। इस बीच तुर्की सेना ने सीरिया के सरकारी ठिकानों पर हमले शुरू कर दिए हैं।
हाल ही में तुर्की द्वारा इदलिब में भेजे गए हजारों सैनिकों के बीच उस पर यह पहला बड़ा हमला है। तुर्की ने चेताया है कि सीरिया उसके ठिकानों से अपनी सेना को पीछे बुलाए अन्यथा जवाबी कार्रवाई को तैयार रहे। इस बीच संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरस ने चिंता जताई कि क्षेत्र में खतरा और बढ़ सकता है।
कई सैनिक गंभीर, बढ़ सकती है मृतक संख्या
इदलिब के उत्तर-पश्चिम में यह हमला ऐसे समय पर हुआ है जब बागी समर्थक अंकारा और दमिश्क के सहयोगी मॉस्को के बीच तनाव बढ़ गया है। सीरिया के सीमावर्ती तुर्किश प्रांत हाते के गवर्नर रहमी दोगन ने भी कहा कि हमलों में दर्जनों सैनिक घायल हुए हैं जिनमें से कई गंभीर हैं। इसलिए मृतकों का आंकड़ा बढ़ सकता है। तुर्की ने इदलिब में उसकी चौकियों से सैनिकों को हटाने का सीरिया सरकार से आग्रह किया है।
तुर्की के विरोध में रूस-नाटो, समर्थन में उतरा अमेरिका
नाटो देशों ने इदलिब में हुए ताजा हमलों की कड़ी प्रतिक्रिया दी है। नाटो प्रमुख जेन स्टोल्टेनबर्ग ने असद सरकार और रूस द्वारा किए गए अंधाधुंध हमलों की निंदा की है। जबकि रूस ने तुर्की पर सीरिया में आतंकियों को मदद पहुंचाने का आरोप लगाया है। इस बीच, अमेरिका ने सीरिया सरकार और उसके सहयोगी रूस से इदलिब में अपना घिनौना अभियान बंद करने की मांग की और तुर्की का समर्थन किया।
साढ़े नौ लाख लोगों ने किया पलायन
इदलिब में सीरियाई सरकार के आक्रमण से बचने के लिए करीब साढ़े नौ लाख लोग क्षेत्र को छोड़कर भाग गए हैं। तुर्की में पहले ही सीरिया के करीब 36 लाख शरणार्थी मौजूद हैं जो दुनिया में शरणार्थियों का एक बड़ा आंकड़ा है। ऐसे में तुर्की अब और विस्थापितों को शरण देने की स्थिति में नहीं है। तुर्की ने कहा है कि वह अब यूरोप जाने वाले सीरियाई शरणार्थियों को रोकने की कार्रवाई नहीं करेगा।
साढ़े नौ लाख लोगों ने किया पलायन
इदलिब में सीरियाई सरकार के आक्रमण से बचने के लिए करीब साढ़े नौ लाख लोग क्षेत्र को छोड़कर भाग गए हैं। तुर्की में पहले ही सीरिया के करीब 36 लाख शरणार्थी मौजूद हैं जो दुनिया में शरणार्थियों का एक बड़ा आंकड़ा है। ऐसे में तुर्की अब और विस्थापितों को शरण देने की स्थिति में नहीं है। तुर्की ने कहा है कि वह अब यूरोप जाने वाले सीरियाई शरणार्थियों को रोकने की कार्रवाई नहीं करेगा।
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