विकास कार्य पूरा होने पर ठेकेदारों से काटे जाने वाली एक फीसदी की राशि का भुगतान मजदूरों को नहीं हो रहा है। किसी भी आपदा स्थिति में राहत देने के लिए ठेकेदारों से यह राशि काटी जाती है। हिमाचल में कर्फ्यू के चलते मजदूर चारदिवारी में बंद हैं। इनके पास खाने के लिए राशन तक नहीं है। ठेकेदारों का कहना है कि एक फीसदी सेस को या मजदूरों के भरण पोषण को दिया जाए या फिर राशि ठेकेदारों को वापस की जाए।
एसोसिएशन के अध्यक्ष सतीश कुमार विज ने कहा कि हर साल ठेकेदार सरकार को करोड़ों की राशि सेस के तौर पर देती है। ठेकेदार से यह राशि उस समय काटी जाती है। जब सरकारी प्रोजेक्ट का काम पूरा हो जाता है। काम की की होने पर सरकार उसी समय इस राशि को काट लेती है। उन्होंने लोक निर्माण विभाग प्रधान सचिव जे सी शर्मा और इंजीनियर इन चीफ भुवन शर्मा से इस आपदा स्थिति में सेस की राशि को मजदूरों के भरण पोषण के लिए देने की मांग की है।