राजधानी लखनऊ में दो डॉक्टर व एक नर्स सहित चार लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। डॉक्टर और नर्स हरदोई रोड स्थित चरक हॉस्पिटल के हैं और यहां भर्ती हुए मरीज के संपर्क में आने से संक्रमण की चपेट में आ गए। डॉक्टरों व नर्स को डॉ. राममनोहर लोहिया संस्थान में भर्ती कराया गया है। अस्पताल को बंद कराकर सैनिटाइज कराया जा रहा है। वहीं, निजी अस्पताल से एसजीपीजीआई में भर्ती कराए गए प्रतापगढ़ निवासी मरीज के बेटे में भी कोरोना की पुष्टि हुई है। अब राजधानी में कुल मरीजों की संख्या 398 हो गई है। इनमें लखनऊ के मूल निवासियों की संख्या 296 है।
चरक हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर में अंबेडकर नगर निवासी एक मरीज की 24 मई को डायलिसिस हुई थी। उसे भर्ती कर कोरोना जांच कराई गई थी। अगले दिन रिपोर्ट पॉजिटिव आई तो डायलिसिस यूनिट को बंद कर दिया गया था। वहीं, 24 डॉक्टर व कर्मचारियों को क्वारंटीन कर प्रोटोकॉल के तहत पांचवें दिन जांच कराई गई। शनिवार को आई रिपोर्ट में दो डॉक्टर व नर्स पॉजिटिव मिले। एक डॉक्टर कुर्सी रोड तो दूसरे चौक क्षेत्र के रहने वाले हैं। वहीं नर्स हॉस्टल में रहती हैं।
चिकित्साकर्मियों के लिए सैंपल
सीएमओ डॉ. नरेंद्र अग्रवाल ने बताया कि फिलहाल अस्पताल को अग्रिम आदेशों तक बंद रखा जाएगा। संक्रमित डॉक्टरों और नर्स के संपर्क में आए चिकित्सा कर्मियों के सैंपल लेकर उन्हें होम क्वारंटीन में रहने की सलाह दी गई है। संपर्क में आए लोगों की भी सूची बनाकर उनकी जांच के निर्देश दिए गए हैं। गौरतलब है कि पहले भी दो बार चरक डायग्नोस्टिक सेंटर की डायलिसिस यूनिट को संक्रमण फैलने की आशंका के मद्देनजर बंद किया जा चुका है।
डॉक्टर व नर्स सतर्क थे, इसलिए दूसरों में वायरस फैलने की आशंका कम
दोनों डॉक्टरों के परिजनों को भी होम क्वारंटीन में रहने की सलाह दी गई है। यदि किसी में लक्षण मिला तो जांच कराई जाएगी। डॉक्टर पूरी तरह से सावधानी बरत रहे थे और मरीज में पुष्टि होने के बाद खुद क्वारंटीन में थे। ऐसे में उनके जरिए अन्य लोगों में वायरस फैलने की आशंका नहीं है। फिर भी हर स्तर पर एहतियात बरता जा रहा है।
राजधानी में पहले भी डॉक्टर आ चुके हैं चपेट में
राजधानी में 11 मार्च को गोमती नगर निवासी महिला डॉक्टर पॉजिटिव पाई गई थीं। वह कनाडा से लौटी थीं। वह राजधानी में कोरोना की पहली मरीज थीं। वहीं 18 मार्च को केजीएमयू के एक रेजिडेंट डॉक्टर भी मरीज का इलाज करते वक्त वायरस की चपेट में आ गए थे। अब निजी अस्पताल के 2 डॉक्टर भी वायरस की चपेट में आ गए। वहीं, केजीएमयू की दो नर्स और एक निजी अस्पताल की नर्स भी संक्रमण की चपेट में आ चुकी हैं।
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