एक शुरुआती अनुमान की तुलना में बिल्लियों में कोरोना संक्रमण के मामले अधिक हैं। चीन के वुहान में हाल में किए गए एक अध्ययन में यह बात सामने आई है। ‘इमर्जिंग माइक्रोब्स एंड इंफेक्शंस’ पत्रिका में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार, महामारी के पहले चरण में जनवरी से मार्च, 2020 के बीच 102 बिल्लियों के रक्त के नमूने लिए गए। शोधकर्ताओं ने उनके अन्य नमूनों की भी जांच की थी। शोध में यह पाया गया कि 15 बिल्लियों के खून में ‘एंटीबॉडी’ (रोग प्रतिरोधक क्षमता) मौजूद थी, लेकिन उनमें से किसी भी बिल्ली के संक्रमित होने की पुष्टि नहीं हुई थी और न ही उनमें कोरोना का कोई लक्षण ही दिखा था। महत्वपूर्ण बात यह है कि उनमें से एक भी बिल्ली की कोरोना वायरस के कारण मौत नहीं हुई। जिन 102 बिल्लियों के नमूने शोध के लिए लिए गए थे, उनमें से तीन पशु आश्रयों से छोड़ी गईं 46 बिल्लियां थीं, पांच पशु अस्पतालों की 41 और 15 बिल्लियां कोरोना संक्रमित परिवारों से थीं। उनके मुताबिक, इनमें से तीन बिल्लियां ऐसी थीं, जिनके शरीर में उच्चतम स्तर पर एंटीबॉडी थी और ये बिल्लियां कोरोना पीड़ितों के संरक्षण में थीं। इस शोध का नेतृत्व कर रहीं मेलिन जिन के मुताबिक, हालांकि आवारा बिल्लियों में कोरोना का संक्रमण कैसे फैला, यह साफ तौर पर कहा नहीं जा सकता है बल्कि सिर्फ यह अनुमान लगाया जा सकता है कि उनमें संक्रमण संभवत: कोरोना प्रदूषित वातावरण या बिल्लियों को खिलाने वाले कोरोना संक्रमित व्यक्तियों के संपर्क में आने के कारण हुआ हो।
5 हजार महिलाओं ने किया सामूहिक सुंदर कांड का पाठ लखनऊ ईश्वरीय स्वप्नाशीष सेवा समिति की ओर से सनातन ध्वज वाहिका सपना गोयल की अगुवाई में रविवार 10 मार्च को देश भर से आयी पांच हजार सनातनी महिलाओं ने सामूहिक सुंदरकांड का पाठ स्थानीय झूलेलाल घाट पर किया। इस महा अनुष्ठान के मुख्य अतिथि के रूप में उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और विशिष्ट अतिथि के रूप में राज्यसभा सांसद डॉ. दिनेश शर्मा को आमंत्रित किया गया था। इस महा अनुष्ठान का आरंभ लोकप्रिय गायक पंकज मिश्रा के भजन "राम आएंगे से हुआ। हनुमान चालीसा के पाठ के उपरांत, सुंदरकांड के सरस पाठ की अगुआई भी पंकज मिश्रा ने ही की। इस क्रम में विद्द्योलमा शक्तिपीठ की रजनी शुक्ला के निर्देशन में गणेश वंदना "जयदेव जयदेव जय मंगलमूर्ति पेश की गई। उनके ही निर्देशन में रामोत्सव के अंतर्गत प्रभु राम के जन्म से लेकर होलिकोत्सव तक के विविध प्रसंगों को नृत्य के माध्यम से प्रभावी रूप से पेश किया गया। प्रभु राम के जन्मोत्सव के प्रसंग में जहां उन्होंने बधाई गीत "कौशल्या के जन्मे ललनवा पर सुंदर नृत्य पेश किया वहीं होली की उमंग को उन्होंने होली गीत &