बीजेपी के वरिष्ठ नेता व राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने जेईई मेन में छात्रों के आंकड़ों पर सवाल उठाया है। एक से छह सितंबर को आयोजित परीक्षा पर स्वामी ने ट्विटर के माध्यम से केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय से जवाब भी मांगा। उन्होंने मंत्रालय पर अलग-अलग आंकड़े जारी करने का आरोप भी लगाया। उधर, केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने कहा कि छात्रों की परीक्षा में कम संख्या पर हम आकलन कर रहे हैं। स्वामी ने मंत्रालय और नेशनल टेस्टिंग एजेंसी द्वारा सुप्रीम कोर्ट में जेईई मेन को स्थगित करने की याचिका पर सुनवाई के दौरान अदालत को जमा करवाये गए आंकड़े भी जारी किए। दरअसल दोनों आंकड़ें अलग-अलग थे। मंत्रालय के ट्विटर में जेईई मेन में 8.58 लाख छात्रों ने रजिस्ट्रेशन करवाया था। जबकि एनटीए के आंकड़ों के मुताबिक, 953473 छात्रों ने रजिस्ट्रेशन किया है। जेईई मेन की जनवरी परीक्षा में 94.32 फीसदी ने परीक्षा दी थी। जबकि सितंबर परीक्षा में यह आंकड़ा 75 से 80 फीसदी रहा है। जबकि जेईई मेन 2019 की जनवरी परीक्षा में 94.11 फीसदी और अप्रैल परीक्षा में यह आंकड़ा 94.15 फीसदी था। इसी अंतर के चलते विवाद शुरू हुआ। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, 1 सितंबर से 6 सितंबर तक आयोजित जेईई मेन में 8.58 लाख अभ्यार्थियों में से 6.35 लाख उपस्थित हुए।
हो सकता है कि जनवरी में बेहतरीन प्रदर्शन के चलते इस बार नहीं दी हो परीक्षा
उधर, दिनभर चले विवाद पर केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने अपने ट्वीट में कहा कि जेईई मेन का आयोजन साल में दो बार होता है। पिछली परीक्षा इस वर्ष जनवरी में हुई थी। सितंबर की परीक्षा में उपस्थित नहीं होने पर हो सकता है कि छात्रों ने जनवरी की परीक्षा में अच्छे प्रदर्शन के चलते सितंबर परीक्षा नहीं दी हो। हम उस संख्या का आकलन कर रहे हैं। निशंक ने कहा कि परीक्षा लेने में और देरी करना हमारे कठिन परिश्रम करने वाले छात्रों और कॉलेजों में दाखिले के संबंध में उनकी योजना के हित में नहीं होता। हमारी सरकार के लिये छात्रों का कल्याण और उनकी सुरक्षा सर्वोपरि है। हम अपने युवाओं के हित में हमेशा काम करेंगे। हालांकि, भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने चिंता व्यक्त की है कि परीक्षा में उपस्थिति, शिक्षा मंत्रालय द्वारा दिये गए आंकड़ों से कम है। स्वामी ने ट्वीट किया, शिक्षा मंत्रालय ने उच्चतम न्यायालय में कहा कि भारत और विदेशों में 660 से अधिक केंद्रों के लिये 9.53 लाख उम्मीदवारों ने पंजीकरण कराया। अब मंत्री कह रहे हैं कि यह संख्या 8.58 लाख है। कौन सा तथ्य आधिकारिक है।