देश में लगातार कोरोना के मामलों में इजाफा हो रहा है। भारत में अब तक 4,370,128 से ज्यादा केस सामने आ चुके हैं। वहीं देश के सभी राज्यों ने ज्यादातर पाबंदियों को हटा दिया है। इसी बीच स्वास्थ्य मंत्रालय ने स्कूल और कॉलेजों की परीक्षाओं को लेकर नई गाइडलाइन जारी कर दी। जिसमें परीक्षा के समय सावधानी के कई नियमों के बारे में बताया गया है। मंत्रालय ने साफ किया है कि सभी को छींकते या खांसते समय मुंह ढंंकना होगा। साथ ही किसी भी जगह थूकने की इजाजत नहीं है। जो छात्र कोरोना से पीड़ित हैं उन भी विचार चल रहा है। जो छात्र कंटेनमेंट जोन में हैं, उन पर परीक्षा एजेंसियां को विचार करने को कहा गया है जिसमें विश्वविद्यालय भी शामिल हैं। सभी स्टाफ के साथ परीक्षार्थियों को अपने स्वास्थ्य की जानकारी देनी पड़ सकती है। साथ ही स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि परीक्षार्थियों को इस बारे में जानकारी दे दी जाएगी, एडमिट कार्ड के साथ उन्हें पानी और सैनिटाइजर जैसी कौन सी वस्तुएं ले जाने की अनुमति होगी। मंत्रालय ने कहा कि परीक्षार्थियों के साथ बड़ी संख्या में अभिवावक भी आते हैं, वे लगातार वहीं रहते हैं, उस दौरान सुरक्षा मानकों का ध्यान रखना बहुत जरूरी होगा। उन्हें शारीरिक दूरी के साथ मास्क लगाना होगा। स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारी के मुताबिक भारत में कोरोना वायरस के मरीज लगातार बढ़ रहे हैं। इस के मद्देनजर भीड़ से बचने के लिए परीक्षाएं टुकड़ों में कराई जा सकती हैं।
5 हजार महिलाओं ने किया सामूहिक सुंदर कांड का पाठ लखनऊ ईश्वरीय स्वप्नाशीष सेवा समिति की ओर से सनातन ध्वज वाहिका सपना गोयल की अगुवाई में रविवार 10 मार्च को देश भर से आयी पांच हजार सनातनी महिलाओं ने सामूहिक सुंदरकांड का पाठ स्थानीय झूलेलाल घाट पर किया। इस महा अनुष्ठान के मुख्य अतिथि के रूप में उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और विशिष्ट अतिथि के रूप में राज्यसभा सांसद डॉ. दिनेश शर्मा को आमंत्रित किया गया था। इस महा अनुष्ठान का आरंभ लोकप्रिय गायक पंकज मिश्रा के भजन "राम आएंगे से हुआ। हनुमान चालीसा के पाठ के उपरांत, सुंदरकांड के सरस पाठ की अगुआई भी पंकज मिश्रा ने ही की। इस क्रम में विद्द्योलमा शक्तिपीठ की रजनी शुक्ला के निर्देशन में गणेश वंदना "जयदेव जयदेव जय मंगलमूर्ति पेश की गई। उनके ही निर्देशन में रामोत्सव के अंतर्गत प्रभु राम के जन्म से लेकर होलिकोत्सव तक के विविध प्रसंगों को नृत्य के माध्यम से प्रभावी रूप से पेश किया गया। प्रभु राम के जन्मोत्सव के प्रसंग में जहां उन्होंने बधाई गीत "कौशल्या के जन्मे ललनवा पर सुंदर नृत्य पेश किया वहीं होली की उमंग को उन्होंने होली गीत &