एक्सक्लूसिव : पूर्वी यमुना नहर सूखी, 15 दिन से नहीं पानी, पांच जिलों के एक लाख किसानों की फसल पर संकट
एक्सक्लूसिव : पूर्वी यमुना नहर सूखी, 15 दिन से नहीं पानी, पांच जिलों के एक लाख किसानों की फसल पर संकट
बागपत, मुजफ्फरनगर, सहारनपुर, शामली और गाजियाबाद क्षेत्र में बहने वाली पूर्वी यमुना नहर और इससे जुडे़ रजबहों और माइनरों में 15 दिन से पानी नहीं है। इस कारण इन पांच जिलों के करीब एक लाख किसानों की फसल पर संकट के बादल मंडरा रहा है। करीब चार हजार किसानों की फसल तो सूख कर बर्बाद भी हो चुकी है। किसान लगातार जनप्रतिनिधियों और सिंचाई विभाग के अधिकारी की चौखट के चक्कर लगा रहे है, लेकिन समस्या का कोई समाधान नहीं निकल सका है।
यहां से गुजरती है पूर्वी यमुना नहर
सिंचाई विभाग के अफसरों के अनुसार हथनीकुंड बैराज से दो नहर निकलती हैं। एक पश्चिमी यमुना नहर है, जो हरियाणा से होकर जाती है और सीलमपुर दिल्ली होते हुए यमुना नदी में गिर जाती है। दूसरी पूर्वी यमुना नहर है। इसमें देवबंद ब्रांच से पुरकाजी में भी गंगनहर का पानी छोड़ा जाता है।
यह सहारनपुर, शामली, बागपत, खेकड़ा होते हुए गाजियाबाद में निकलकर दिल्ली में सीलमपुर पहुंचती है। इसके बाद यमुना में गिर जाती है। इसके अतिरिक्त पूर्वी यमुना नहर मुजफ्फरनगर के कल्लरपुर-लोई-लालूखेड़ी माइनर में भी इसी नहर से पानी आता है। इस माइनर से मुजफ्फरनगर जनपद के करीब 50 गांवों के किसान फसलों की सिंचाई करते हैं।
पूर्वी यमुना नहर से जुड़े किसान
जनपद किसान
बागपत 16000
शामली 21500
सहारनपुर 36000
मुजफ्फरनगर 17000
गाजियाबाद 10500
कुल 101000
पानी छुड़वाने का प्रयास किया जा रहा
देवबंद ब्रांच से पूर्वी यमुना नहर में पानी आता है। इस समय गंगा से भी इन जिलों को पर्याप्त मात्रा में पानी देने की स्थिति नहीं है, फिर भी जल्द नहर में पानी छुड़वाने का प्रयास किया जा रहा है। – हृदय शंकर तिवारी, अधीक्षण अभियंता, सिंचाई विभाग।
मुआवजा देने का प्रावधान नहीं
सिंचाई विभाग में फसल बर्बादी के मुआवजा का प्रावधान नहीं है। केवल बाढ़ आने की स्थिति में जिला स्तरीय अधिकारी की जांच के बाद मुआवजा दिया जाता है। ऐसे में इन पांच जिलों के तकरीबन दो हजार से अधिक किसान ऐसे हैं, जो कई वर्षों से मुआवजे की आस में चक्कर काट रहे हैं।
अनिश्चितकालीन धरने की चेतावनी
पूर्व जिला पंचायत सदस्य राजेंद्र प्रधान का कहना है कि हर साल पूर्वी यमुना नहर में पानी न आने से किसानों की फसल बर्बाद हो जाती है। कई बार डीएम, सिंचाई विभाग और जनप्रतिनिधियों से शिकायत की जाती है। इसके बावजूद नतीजा शून्य रहता है। चेतावनी दी कि यदि जल्द ही नहर में पानी नहीं आया तो सिंचाई विभाग कार्यालय पर अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर दिया जाएगा।
रालोद खोलेगा मोर्चा
रालोद नेता और पूर्व प्रमुख सतेंद्र मलिक का कहना है कि भाजपा शासन में किसान दुखी है। कई सालों से गन्ने के दाम नहीं बढ़े हैं। क्षेत्र की चीनी मिलें किसानों के करोड़ों रुपये दबाए बैठी हैं। फसलों पर संकट मंडरा रहा है। रालोद जल्द ही इस मुद्दे पर सिंचाई विभाग के खिलाफ मोर्चा खोलेगा।
किसानों की दुर्दशा के लिए सरकार जिम्मेदार
कांग्रेस नेता सत्यपाल पंवार ने भी किसानों की दुर्दशा पर चिंता जताई। इसके लिए केंद्र और प्रदेश की भाजपा सरकार को जिम्मेदार ठहराया। कहा कि कांग्रेस जल्द ही इस समस्या को लेकर सिंचाई विभाग के अफसरों का घेराव करेगी।
अधिकारियों पर डालेंगे दबाव
भाजपा जिलाध्यक्ष सूरजपाल गुर्जर का कहना है कि सरकार किसानों के हित में काम कर रही है। जल्द ही सिंचाई विभाग के आला अफसरों से वार्ता कर नहर में पानी छुड़वाया जाएगा।