लखनऊ, भक्त कबीर जी का जन्मोसव ऐतिहासिक गुरूद्वारा श्री गुरू नानक देव जी,श्री गुरू सिंह सभा,नाका हिन्डोला, लखनऊ में बड़ी श्रद्धा एवं सत्कार के साथ मनाया गया।
इस अवसर पर प्रातः के दीवान में सुखमनी साहिब के पाठ के उपरान्त रागी जत्था भाई राजिन्दर सिंह जी ने अमृतमयी पवित्र आसा की वार और श्री गुरू ग्रन्थ साहिब में दर्ज भक्त कबीर जी की बाणीः-
1-‘‘राम जपो जी ऐसे ऐसे ध्रुव प्रहलाद जपयो हरि जैसे’’
2-‘‘कबीर मेरी सिमरनी रसना ऊपरि रामु।।
3-अवलि अल्लाह नूर उपाया कुदरत के सब बन्दे,
ऐक नूर ते सब जग उपजिया काउन भले कौन मन्दे।।
शबद कीर्तन गायन कर समूह संगत को निहाल किया।
ज्ञानी सुखदेव सिंह जी ने भक्त कबीर जी के जीवन पर प्रकाश डालते हुए बताया कि कबीर जी का जन्म बनारस में नीरु नामक जुलाहे के घर में हुआ था। बचपन से ही आपके मन में ख्याल था कि छोटी जाति में जन्म होने के कारण शायद मुझे स्वामी रामानन्द जी के गुरुमंत्र प्राप्त नही हो पायेगा इसलिये वह प्रातःकाल रास्ते में लेट जाते थे, जहाँ से स्वामी रामानन्द जी प्रातः स्नान करने के लिये गुजरते थे, जब स्वामी जी का पैर कबीर जी को लगा तो उन्होने ‘‘राम-राम’’ कह उसे उठा लिया और अपना सेवक बना लिया ‘‘राम कबीरा ऐक भये हैं,कोई न सके पछान’’, उसके बाद कबीर जी ने इतनी भक्ति की कि परमेश्वर के साथ मिलकर अभेद हो गये, कबीर जी प्राप्त ज्ञान की रोशनी में मनुष्यों को नया रास्ता दिखाना चाहते थे, आप ने अपना जीवन उद्देश्य प्रकट करते हुए साफ कहा है कि मै संतों का पुजारी दुष्टों का प्रहारी हूं और रात-दिन प्रभु की याद में समय बिताना मेरा धर्म है।
कार्यक्रम का संचालन करते हुए सतपाल सिंह मीत ने बताया कि भक्त कबीर जी के 534 मूल शबद एवं श्लोक श्री गुरु ग्रन्थ साहिब में अंकित हैं।श्री गुरु अरजन देव जी जब श्री गुरु ग्रन्थ साहिब जी की सम्पादना कर रहे थे, तो उन्होंने भक्त कबीर जी की बाणी को श्री गुरु ग्रन्थ साहिब में दर्ज कर सिख धर्म के गुरुओं के बराबर दर्जा संत कबीर जी को भी दिया, पूरे विश्व का सिख समाज जब श्री गुरु ग्रन्थ साहिब के समक्ष अपना शीश झुकाता है तो स्वाभाविक भक्त कबीर जी की बाणी को भी गुरु मान कर उनके द्वारा बताए हुए एवं दर्शाऐ हुए मार्ग का अनुसरण करता है।
दीवान की समाप्ति के उपरान्त लखनऊ गुरुद्वारा प्रबन्धक कमेटी एवं ऐतिहासिक गुरूद्वारा श्री गुरू नानक देव जी के अध्यक्ष स0 राजेन्द्र सिंह बग्गा जी ने आई साध संगत को कबीर जी के जन्म दिवस की बधाई दी। उसके उपरान्त चावल-छोले का लंगर श्रद्धालुओं में वितरित किया गया।
नोटः-दिनाँक 05.06.2023 दिन सोमवार को सायं मीरी पीरी के मालिक, बन्दी छोड़ दाता ,साहिब सिखों के छठे गुरु साहिब श्री गुरु हरिगोबिन्द जी का प्रकाश पर्व (प्रकाशोत्सव) पर ऐतिहासिक गुरूद्वारा श्री गुरू नानक देव जी,नाका हिंडोला, लखनऊ में श्रद्धा एवं सत्कार के साथ मनाया जायेगा। इस अवसर पर भाई प्रिन्सपाल सिंह जी पटियाला वाले विशेष रूप से पधार रहे हैं।
समाप्ति के उपरान्त मिससे प्रसादे एवं लस्सी का लंगर वितरित किया जायेगा।