साल 2021 में बी. के.सर्राफ ने "देवी" नाम से एक नयी पहल की शुरुआत की थी उन्की दिव्य सोच है कि हमारे जीवन में देवी मात्र स्त्री का एक रूप नहीं अपितु एक सन्देश और परंपरा है। जब भी हम देवों का आह्वान करते है तो हमें महिलाओं के गुणों जैसे साहस और विनम्रता, निर्भीकता और दयालुता, ज्ञान और ममता का अनुभव होता है। उसी प्रकार से बी. के. सर्राफ प्रत्येक वर्ष शरद नवरात्रि में उन सभी महिलाओं का सम्मान करता है जिन्होंने अपने-अपने क्षेत्रों में विषम परिस्तिथियों में भी अपने लक्ष्य को प्राप्त किया है।
"देवी" मात्र एक कार्यक्रम नहीं बल्कि यह एक परंपरा है जिसका आह्वान वर्ष 2021 में विश्वविख्यात पदद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित मालिनी अवस्थी के द्वारा किया गया। जिस प्रकार मालिनी अवस्थी ने भोजपुरी संगीत में अपने योगदान और प्रसिद्ध बहुभाषी लोक गीतों के माध्यम से संपूर्ण विश्व में अपना लोहा मनवाया है उसी प्रकार से देवी के प्रथम संस्करण में माँ दुर्गा के 9 विभिन्न रूपों को प्रदर्शित कर महिलाओं के वर्चस्व को भी स्थापित किया।
इसी श्रंखला में वर्ष 2022 में बी. के. सर्राफ ने "देवी" की परंपरा का पुनः आह्वान किया और अपने शहर की उन विशिष्ठ महिलाओं को सम्मानित किया जिन्होंने अपनी मेहनत और जज्बे के बल पर अपनी स्वयं की एक पहचान बनाई और दूसरों के जीवन को भी प्रभावित किया और समाज का मार्गदर्शन किया। सभी के स्नेह से "देवी 2.0" एक सफल प्रयास रहा और जिसने देवी की परंपरा को आगे आनेवाले सालो के लिए हमे प्रेरित किया।
वर्ष 2023 में हमने पुन: 9 अलग-अलग वर्गों में "देवी 3.0" का आह्वान किया और इस बार प्रत्येक देवी का चयन हमने सार्वजानिक एवं सामान्य नामांकन प्रक्रिया के माध्यम से किया। "देवी 3.0" में हमे करीब 250 प्रविष्टियां प्राप्त हुई, जिसे हमारे जूरी सदस्यों ने निष्पक्ष एवं सघन मूल्यांकन प्रक्रिया के पश्चात् 9 महिलाओं का चयन किया जिनको हमने देवी का प्रतीक मानकर उनको सम्मानित किया। इस वर्ष हमें हमारी 9 नयी देवियां मिली है जिन्होंने प्रत्यक्ष रूप से अपने सम्बंधित कार्यक्षेत्रों में स्वयं और समाज के लिए महत्वपूर्ण योगदान दिया है। 9 देवियों के चयन के साथ साथ हमें 2 छोटी बच्चियों की प्रविष्टियां भी प्राप्त हुई जिन्हें हमने " नन्ही देवी" के शीर्षक से सम्मानित किया। हमारी सभी देवियां अपने अपने कार्यक्षेत्रों का सफलतापूर्वक प्रतिनिधित्व भी करती हैं।
वर्ष 2023 की पुरस्कृत देवियों के नाम इस प्रकार है। विशाखा शुक्ला (सामाजिक कार्य और पशु कल्याण), अनुभूति जैन (उद्यमिता), डॉक्टर अंजु गोयल (स्वास्थ्य और चिकित्सा), सबा जाफ़री (सोशल मीडिया), सुहानी गुरनानी (फैशन और डिज़ाइन), पूनम एवं इशिता रंजन चौधरी (मेकअप और कला), पद्मश्री पुरस्कार विजेता डॉक्टर वीणा टंडन (शिक्षा और अकादमी), तुलिका बैनर्जी (मनोरंजन). डॉक्टर अनीता सिंह (कला और रचना) हमारी नन्ही देवियों में पहली कुमारी बानी चावला हैं, जो 15 वर्षीय एक दृष्टि बाधित बच्ची है जो गायन, एंकर और एक आरजे के रूप में अत्यधिक उत्कृष्ट हैं, और दूसरी कुमारी गिन्नी सहगल है, जो केवल 15 वर्षीय आयु में एक अतभुत भरतनाट्यम नृत्यांगना हैं ।
हम प्रत्येक वर्ष देवी रूपी महिलाओं के आह्वान के लिए प्रतिबद्ध है और इस परंपरा का उत्सव हम प्रत्येक वर्ष और हर्ष उल्लास के साथ मनाएंगे। हमारा लक्ष्य है महिलाओं के अद्वितीय, प्रेरणादायक यात्राओं और उत्कृष्ट उपलब्धियों को प्रकाशित करना और इसी श्रंखला में 2023 की तरह हम प्रत्येक नवरात्रि में चयनित देवियों का अनावरण कर उनके माध्यम से समाज में नारी के महत्व को अंकित करेंगे।
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