लखनऊ, अखिल भारतीय सांस्कृतिक संस्थान (ए बी एस एस) द्वारा प्रस्तुत यह नाटक गांधी जयंती नाट्य महोत्सव 2023 के अवसर पर राजेंद्र तिवारी के लेखन एवं निर्देशन में आज गांधी कैसरबाग में मंचित किया भवन, यह नाटक भेदभाव, ऊंच-नीच, आदिवासियों पर अत्याचार के मुद्दों पर आधारित है। कबीले का एक लड़का सोम, कबीले की ही एक लड़की छुटकी के प्यार में है। छुटकी सोम के इंतजार में पहाड़ी पर अपने सहेलियों के साथ हंसी मजाक कर रही है। तभी वहां उस राज्य के राजकुमार अपराजय आता है और उन कन्यायों के साथ बदतमीजी करने लगता है। परंतु छुटकी राजकुमार के गले पर कटार से प्रहार करके वह से निकल जाती है। यह सब गुप्तचर महाराज को जाकर सूचित करता है। इधर अपराजय बदले की भावना से छुटकी के साथ बर्बरता व्यावहार करके उनके माता पिता को मार देता है और पूरा कबीला जला देता है। ऐसी अवस्था में छुटकी दूसरे कबीले के मुखिया के पास सहायता के लिए जाती है।
मुखिया की पुत्री चांदनी के साथ भी राजकुमार ने ऐसा ही किया होता है। दोनो मिलके अपराजय से बदला लेने की योजना बनाते हैं। कबीले वाले, छुटकी एवं सोम मिलकर एक षडयंत्र के तहत अपराजय को मार देते हैं। इधर महाराज को जब ये सूचना प्राप्त होती है तो अपने बेटे की मौत का बदला लेने छुटकी और कबीले वाले को मारने आते हैं। छुटकी और चांदनी मिलके अपनी तरह के सभी लड़कियों की व्याख्या महाराज को बताती है। महाराज को अपने बेटे की गलती का एहसास होता है और सभी लड़कियों की सहायता करने का निर्णय लेता है। इसमें मुख्य कलाकारों में देविका, दीपक, प्रदीप, जेडी, अक्षरिका, आर्यन, अर्णव आदि शामिल हैं। यह कार्यक्रम अश्विनी शुक्ला एवं ललित पांडेय के प्रबंधन में संपन्न हुआ।
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