नई दिल्ली: प्राइवेट टेलीकॉम कंपनियों ने हाल में अपने टैरिफ में बढ़ोतरी कर दी है। शुरुआती रुझानों से पता चलता है कि सरकारी टेलीकॉम कंपनी बीएसएनएल को इसका फायदा हुआ है। कई लोग सस्ते प्लान के लिए बीएसएनएल का रुख कर रहे हैं। बीएसएनएल को उम्मीद है कि इससे उसे घाटे से उबरने में मदद मिलेगी। जब से जियो, एयरटेल और वोडाफोन आइडिया ने अपने दाम बढ़ाए हैं, तब से बीएसएनएल को काफी नए ग्राहक मिले हैं।
बीएसएनएल ने बताया है कि 3-4 जुलाई से करीब 2.5 लाख लोग दूसरी कंपनियों से अपना नंबर बीएसएनएल में पोर्ट करा चुके हैं। इसके अलावा, बीएसएनएल ने 25 लाख नए कनेक्शन भी जोड़े हैं। बीएसएनएल के अधिकारियों का कहना है कि उन्हें नए ग्राहक इसलिए मिल रहे हैं क्योंकि उनके प्लान अभी भी किफायती हैं। कई लोग, खासकर कम आमदनी वाले, अब भी बीएसएनएल के प्लान को बेहतर मानते हैं।
11% से 25% तक बढ़ाए हैं दाम
प्राइवेट कंपनियों ने अपने दाम 11% से 25% तक बढ़ा दिए हैं। उदाहरण के लिए एयरटेल और वोडाफोन के 28 दिनों वाले सबसे सस्ते प्लान की कीमत अब 199 रुपये हो गई है, जबकि जियो का ऐसा प्लान 189 रुपये में मिलता है। दूसरी तरफ BSNL का ऐसा ही प्लान सिर्फ 108 रुपये में उपलब्ध है। यहां तक कि 107 रुपये से 199 रुपये तक के बीच बीएसएनएल के 4-5 प्लान आते हैं, जो दूसरी कंपनियों की तुलना में काफी सस्ते हैं। हालांकि, जियो ने अपने जियोफोन प्लान के दाम नहीं बढ़ाए हैं।विशेषज्ञों का मानना है कि BSNL के प्लान भले ही सस्ते हों, लेकिन ग्राहकों को बनाए रखने के लिए नेटवर्क और सेवाओं की गुणवत्ता भी मायने रखती है। चूंकि BSNL ने अभी तक 4G सेवाएं पूरी तरह से शुरू नहीं की हैं, इसलिए नए ग्राहक जोड़ना और पुराने को बनाए रखना उनके लिए एक चुनौती हो सकती है।
एक विश्लेषक ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, 'कुछ लोग दाम बढ़ने के कारण बीएसएनएल से बेशक जुड़ रहे होंगे, लेकिन वे केवल कम कीमत वाले प्लान ही लेंगे।' विशेषज्ञों का कहना है कि बीएसएनएल तभी बड़ी कंपनियों को टक्कर दे पाएगी जब उसके पास पूरे देश में अच्छी क्वालिटी की 4G सेवाएं होंगी।
बीएसएनएल में ग्राहकों का जाना टेम्परेरी
एक अन्य विश्लेषक ने कहा कि बीएसएनएल में ग्राहकों का जाना टेम्परेरी हो सकता है। किसी भी कीमत बढ़ोतरी के बाद ऐसा होना स्वाभाविक है। इसका प्राइवेट कंपनियों की कमाई पर बहुत कम असर पड़ेगा।
दाम बढ़ने के बाद बीएसएनएल कर्मचारी यूनियन ने दूरसंचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया से शिकायत की थी कि इससे आम आदमी को परेशानी होगी। यूनियन ने अपने पत्र में लिखा कि पहले बीएसएनएल एक तरह से बाजार में कीमतों को नियंत्रित करता था, लेकिन 4G और 5g की कमी के कारण अब वह प्रतिस्पर्धा नहीं कर पा रहा है।