सेव द चिल्ड्रन (बाल रक्षा भारत) और यूपी फोर्सेज ने लखनऊ में राज्य स्तरीय गुणवत्तापूर्ण बाल देखभाल के बारे में एक परामर्श कार्यक्रम आयोजित किया
लखनऊः एक तरफ, भारत की 97% महिलाएँ अनौपचारिक अर्थव्यवस्था में कार्यरत हैं। वहीं दूसरी तरफ, वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार, हमारी 15% आबादी छह साल से कम उम्र की है। यह माताओं और उनके बच्चों दोनों के लिए उनकी विकास आवश्यकताओं हेतु एक चुनौती है। बच्चों के लिए आज यह जरूरत है कि हम एक राष्ट्र के रूप में उनके शुरूआती बचपन के विकास पर पूरा ध्यान दें। बच्चों के फलने-फूलने और वृद्धि के लिए उनका लालन-पालन और देखभाल करने की आवश्यकता होती है, फिर भी क्रेच और डेकेयर में बच्चों की इस प्रकार की देखभाल दुर्लभ होती है। इन मुद्दों को संबोधित करने और बच्चों की पूर्णकालिक गुणवत्तापूर्ण देखभाल की माँग को पूरा करने के लिए, यूपी फोर्सेज नेटवर्क और सेव द चिल्ड्रन द्वारा एक राज्य स्तरीय परामर्श कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस परामर्श कार्यक्रम का उद्देश्य एक साथ सामूहिक कार्यवाही करनी है, क्योंकि कई गैर सरकारी संगठनों और श्रमिक संगठनों के साथ पूरे देश में आयोजित किए गए कई परामर्श कार्यक्रमों में प्रमुख संदेशों और मांगों को पहले ही साझा किया जा चुका है, चर्चा की जा चुकी है और उन्हें स्वीकार भी किया जा...